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अडानी का कद और दौलत छू रहे थे आसमान​​​​​​, हिंडनबर्ग के बम ने चूर कर दिए कई अरमान

हिंडनबर्ग (Hindenberg) के बम ने एशिया के सबसे बड़े रईस रह चुके गौतम अडानी (Gautam Adani) के कई अरमानों को चूर कर दिया। अमेरिका की इस शार्टसेलर रिसर्च कंपनी की रिपोर्ट से काफी नुकसान झेल रहे गौतम अडानी को अपनी महत्वाकांक्षाओं का पुनर्मूल्यांकन करने पर मजबूर कर दिया है। अडानी ग्रुप के अंदरूनी कामकाज से परिचित लोगों के अनुसार हिंडनबर्ग के कॉर्पोरेट धोखाधड़ी के आरोपों ने जनवरी से अडानी समूह के बाजार मूल्य में लगभग 125 अरब डॉलर का सफाया कर दिया है। 

इस वजह से अडानी ग्रुप पेट्रोकेमिकल्स से पीछे हट रहा है। वहीं, इसके पश्चिमी भारत के मुंद्रा में 4 अरब डॉलर के ग्रीनफ़ील्ड कोल-टू-पॉलीविनाइल क्लोराइड परियोजना के साथ आगे बढ़ने की संभावना नहीं है। 
सूत्रों के मुताबिक ग्रुप अब एल्यूमीनियम, स्टील और सड़क परियोजनाओं में आगे बढ़ने की महत्वाकांक्षाओं पर भी वापस आ रहा है। अब अडानी अपना ध्यान मुख्य परियोजनाओं पर केंद्रित करेंगे। सूत्रों के अनुसार इनमें बिजली उत्पादन, बंदरगाह और नई ग्रीन एनर्जी पहल शामिल हैं।

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इन मुख्य क्षेत्रों में अरबपति मौलिक रूप से अलग शैली में आगे बढ़ेंगे। मार्जिन-लिंक्ड, शेयर-बैक्ड फंडिंग के लिए 2.15 अरब डॉलर प्री-पे करने के लिए परिवार के शेयरों को बेचने के बाद अब अडानी इस तरह के हाई रिस्क वाले वित्तपोषण (Financing) से बचने की कोशिश करेंगे। हालांकि, अडानी निजी बॉन्ड प्लेसमेंट और विशिष्ट निवेशकों को इक्विटी हिस्सेदारी की बिक्री जैसे फंड जुटाने के तरीकों पर काम करते रहेंगे। 

कद और दौलत छू रहे थे आसमान

यह 2022 से एक बड़ा बदलाव है, जब अडानी का कद और दौलत आसमान छू रही थी। एक समय यह पूर्व हीरा व्यापारी एशिया का सबसे अमीर आदमी था और उसका निवेश मीडिया, महिला क्रिकेट और डेटा केंद्रों सहित अपने पारंपरिक भारी बुनियादी ढाांचे के दांव से कहीं अधिक था। अब अडानी ग्रुप की अब मीडिया स्पेस में और खरीदारी करने की संभावना नहीं है। अडानी ग्रुप ने हाल के महीनों में एनडीटीवी में एक नियंत्रित हिस्सेदारी खरीदी थी। वाशिंगटन स्थित विल्सन सेंटर में दक्षिण एशिया संस्थान के निदेशक माइकल कुगेलमैन ने कहा, “यह मानने का अच्छा कारण है कि डैमेज कंट्रोल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कंपनी थोड़ा पीछे हट जाएगी।”

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बता दें अडानी ग्रुप हिंडनबर्ग के सभी आरोपों का खंडन कर चुका है। अडानी ने इसे भारत पर हमला बताया था। पिछले हफ्ते, अडानी ग्रुप ने कहा था कि उसे उम्मीद है कि अगले छह महीनों में ग्रीनफील्ड कोल-टू-पॉलीविनाइल क्लोराइड परियोजना के लिए धन की व्यवस्था की जाएगी। बता दें  मीडिया में हाल ही में आई एक रिपोर्ट कि परियोजन ठप हो गई है, का खंडन करते हुए यह दावा किया।

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हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में बिकवाली को रोकने के लिए $2.15 अरब डॉलर के कर्ज का पूर्व-भुगतान करने के लिए समूह आगे बढ़ा। इसने शॉर्ट सेलर के दावों का खंडन करने के उद्देश्य से छह-शहरों में रोड शो आयोजित किया और चार कंपनियों में शीर्ष उभरते बाजारों के निवेशक GQG पार्टनर्स को हिस्सेदारी बेची है। पेरिस स्थित टोटल एनर्जी पहले से ही ग्रुप के साथ एक ग्रीन हाइड्रोजन साझेदारी परियोजना को होल्ड पर रख रहा है। फरवरी में अडानी ने मध्य भारत में एक कोयला खदान खरीदने की योजना को भी स्थगित कर दिया।

इनपुट: ब्लूमबर्ग

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