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अडानी-अंबानी फ्यूचर रिटेल खरीदने के रेस से बाहर,अब दौड़ में कम चर्चित कंपनियां

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भारत के दो सबसे बड़े ग्रुप रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के रिलायंस रिटेल और डानी ग्रुप ने Big Bazaar वाले फ्यूचर रिटेल को खरीदने की रेस से बाहर हो गए है। इस कंपनी के लिए अंतिम बोली प्रक्रिया से दोनों ग्रुप बाहर हो चुके है। फ्यूचर रिटेल के लिए बोली के फाइनल राउंड के लिए बहुत की कम चर्चित कंपनियों से कुल छह बोलियां मिली हैं। रियल्टी फर्म स्पेस मंत्रा ने कंपनी के लिए सबसे ऊंची बोली लगाई है। जबकि, पांच अन्य आवेदकों ने फ्यूचर रिटेल के कुछ हिस्सों के लिए बोली लगाई है। Pinnacle Air, Palgun Tech LLC और लहर सॉल्यूशंस भी बोली लगाने वाली कंपनियों में शामिल हैं। गुडविल फर्नीचर और सर्वभिस्ता ई-वेस्ट मैनेजमेंट भी  अन्य बोली लगाने वालों में शामिल हैं।

क्यों पीछे हट गए अडानी-अंबानी

ईटी नाउ की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि फ्यूचर रिटेल के लिए 49 एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) आए थे। मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल और गौतम अडानी की अगुआई वाले अडानी ग्रुप ने पहले ईओआई जमा किया था। सूत्रों के मुताबिक फाइनेंशियल क्रेडिटर्स ने फ्यूचर रिटेल से करीब 20,000 करोड़ रुपये का दावा किया है। इससे पहले अप्रैल में एनसीएलटी बेंच ने कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया के समापन के लिए एफआरएल को 15 जुलाई, 2023 तक 90 दिनों का विस्तार दिया था। 23 मार्च 2023 को एफआरएल के लेनदारों ने नए ईओआई को आमंत्रित किया, जिससे संभावित खरीदार कर्ज में डूबी फर्म के लिए बोली लगा सकते थे। एक समाधान योजना को आकर्षित करने में विफल रहा। रिलायंस और अप्रैल मून रिटेल सहित 11 संभावित बोलीदाताओं को अंतिम रूप दिया था, लेकिन सबमिशन की समय सीमा में दो विस्तार के बावजूद समाधान योजना प्राप्त नहीं कर सका। 

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लेनदारों की समिति ने ईओआई में दो विकल्प दिए थे, जिसके लिए जमा करने की अंतिम तिथि 7 अप्रैल, 2023 थी। इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत, 4 अक्टूबर, 2022 को संभावित बोलीदाताओं से ईओआई आमंत्रित किया गया था। एफआरएल ने बिग बाजार, ईजीडे और फूडहॉल जैसे ब्रांडों के तहत हाइपरमार्केट सुपरमार्केट और होम सेगमेंट दोनों में कई खुदरा प्रारूपों का संचालन किया। 

कभी 430 शहरों में थे 1,500 से अधिक आउटलेट

फ्यूचर रिटेल अपने चरम पर लगभग 430 शहरों में 1,500 से अधिक आउटलेट संचालित कर रहा था। यह रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग सेगमेंट में काम करने वाली 19 फ्यूचर ग्रुप कंपनियों का हिस्सा था, जिन्हें अगस्त 2020 में घोषित 24,713 करोड़ रुपये के सौदे के हिस्से के रूप में रिलायंस रिटेल को ट्रांसफर किया जाना था।  Amazon से कानूनी चुनौती मिलने के बीच रिलायंस द्वारा एफआरएल सहित फ्यूचर ग्रुप की 19 कंपनियों के अधिग्रहण को खारिज कर दिया गया था। पिछले साल अगस्त में सेबी ने वित्त वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के लिए एफआरएल के खातों के फॉरेंसिक ऑडिट का आदेश दिया था।

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